बढ़ई जाति के कुछ महत्वपूर्ण योगदान।
बढ़ई जाति के योगदान से ही मानव की जंगली जीवन आधुनिकता के तरफ बढ़ी।लेकिन इस जाति की खुद की स्थिति बत्तर हो गयी है। इसके जिम्मेदार कौन? आइये बढ़ई जाति के कुछ महत्वपूर्ण योगदान को पेश कर रहा हूँ।
बच्चों को शीघ्र चलने की तकनीक लकड़ी की 3 पहिया गाड़ी का अविष्कार,खेती की तकनीक हल का अविष्कार,वर्तन का अविष्कार जिससे मनुष्य थाली में खाना सीखा,धान से चावल बनाने का अविष्कार ढेका ओखल पहरुआ,चप्पल का अविष्कार खड़ाऊँ के रूप में,पानी पर तैरने का यंत्र पानी का नाव का अविष्कार,गेंहू से रोटी बनाने के यंत्र बेलन चौकी का अविष्कार, यातायात को सुगम बनाने की टेक्निक का अविष्कार बैलगाड़ी टंगा गाड़ी।
युद्ध लड़ने की तकनीक तीर धनुष,भला,बांका,तलवार,बन्दुक का अविष्कार,पूल बनाने की तकनीक का अविष्कार,गन्ने से जुष निकाल कर गुड़ बनाने के की तकनीक,तेल बनाने की तकनीक बैल कोल्हू के रूप में अविष्कार,कुआँ से पानी निकालने की तकनीक धेकुल के रूप में अविष्कार,घर का अविष्कार,लकड़ी से घर के रूप में,तोप का अविष्कार ,बाँसुरी का अविष्कार ,संगीत को बढ़ावा देने की टेक्निक का अविष्कार जैसे ढोल हारमोनियम,इत्यादि, मूर्ति का अविष्कार ब्रह्नमनो को राजगार का अविष्कार मूर्ति पूजा ,सोने की तकनीक बेड, बैठने की तकनीक कुर्सी का अविष्कार,इत्यादि जो भी इस मानव जीवन को सुगम बनाया वो सब बढ़ई समाज की देन है।
अब सवाल है इतने अविष्कार के बाद भी हम पीछे क्यों? सोचे विचारे और जवाब तलाशे।
शुभचिंतक - विश्राम शर्मा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अवलेश कुमार शर्मा
राष्ट्रीय सचिव
एंव अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के समस्त सम्मानित पदाधिकारी गण।
duniya ki dasha aur disha badalne waala pahiya,chaak aur kisaano ka hal bhi inme shamil hai sir ji
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