बुलंद हो हौसला तो मुठी में हर मुकाम है,
बुलंद हो हौसला तो मुठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो ज़िंदगी में आम है ।
जो सफर की शुरुआत करते हैं,
वो मंज़िल को पार करते हैं,
एक बार चलने का होंसला तो रखो,
मुसाफिरों का तो रस्ते भी इंतज़ार करते हैं।
मंजिलें उनको मिलती है,
जिनके सपनों में जान होती है।
सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता दोस्तों,
हौंसलों से उड़ान होती है।
सोच बदलो सितारे बदल जाएंगे,
नजर को बदलो नजारे बदल जाएंगे ।
कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं,
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जाएंगे ।
हर रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खङे हैं
ए ज़िन्दगी देख, मेरे हौंसले तुझसे भी बङे हैं ।
मेरी मंज़िल मेरे करीब है इसका मुझे एहसास है
गुमान नहीं मुझे इरादों पे अपने
ये मेरी सोच अौर हौंसलों का भी विश्वास है ।
रख हौसला, वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चल के, समंदर भी आयेंगा
थक कर ना बैठ, ए मंजिल के मुसाफिर
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा ।
जिगर में हौसला सीने में जान बाकी है,
अभी छूने के लिए आसमान बाकी है,
हारकर बीच में मंज़िल के बैठने वालों,
अभी तो और सख़्त इम्तहान बाकी है।
उन्हीं के क़दमों में ये सारा जहाँ होता है,
जिनका आशियाना बीच आसमान होता है,
फिर तो फितरत सी बन जाती है मुश्किलों से लड़ने की,
और हर मुकाम पर पहुंचना आसान होता है ।
तारों में अकेला चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इंसान डगमगाता है,
काटों से घबराना मत मेरे दोस्त,
क्योंकि काटों में ही अकेला गुलाब मुस्कुराता है।
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ऊर्जावान पंक्तियां
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