लखनऊ। अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के द्वारा पी0एच0डी0 चेंबर ऑफ़ कामर्स ऐंड इन्डस्ट्री नियर अपना बाज़ार/राज्य सूचना आयोग शहीद पथ विभूति खण्ड गोमती नगर लखनऊ मे पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि व प्रभु इशामशीह कि जयंति क्रिसमस डे के रूप मे मनायी गयी। इसका उद्घाटन विश्राम शर्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुर्व सांसद रामाशंकर राजभर जी विशिष्ट अतिथि ओमप्रकाश चोयल राजस्थान.रामेश्वर कुशवाहा जी,राजेंद्र कुमार शर्मा वरिष्ट उपाध्यक्ष लखनऊ बार एसोशियेसन, एड्वो.सुशील शर्मा वरिष्ट कार्यकारिणी सदस्य,आर0पी0शर्मा जी अध्यक्ष विश्वकर्मा मंदिर, गौरी शंकर शर्मा जी अध्यक्ष मजदूर समिति, विपिन शर्मा जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ,श्रीराम शर्मा जी पुर्व मेयर प्रत्यासी,एड्वो.कमलेश शर्मा जी , आलोक शर्मा राष्ट्रीय संगठन मंत्री, अवलेश कुमार शर्मा राष्ट्रीय सचिव , पूष्पा शर्मा विनोद शर्मा युवा प्रदेश अध्यक्ष पुर्वी, रामराज शर्मा, राधे शर्मा जी सुरेश विश्वकर्मा जी थे।
अध्यक्षता रामकैलाश शर्मा ने व संचालन मैया दीन पंचाल ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य बढ़ई रत्न पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी की चित्र पर पुष्प चढाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर वक्ताओं ने राजनैतिक पार्टियों द्वारा बढई जाति को सत्ता मे भागीदारी नही दिये जाने पर नाराजगी व्यक्त की। और आगामी लोक सभा चुनाव 2019 व विधान सभा चुनाव 2022 मे इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गयी ।
अखिल भारतीय बढ़ई महासभा के संस्थापक / राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विश्राम शर्मा ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भारत के राष्ट्रपति के पद पर आसीन रहे। ज्ञानी जैल सिंह का जन्म पंजाब में संधवा नाम के छोटे से गांव में पांच मई 1916 को रामगढि़या (बढई जाति) के साधारण परिवार में किशन सिंह के तीसरे पुत्र के रूप में हुआ। ज्ञानी जी का असली नाम जनरैल सिंह था।
मुख्य अतिथि पुर्व सांसद रामाशंकर राजभर जी ने कहा कि ज्ञानी जी बचपन से ही होनहार प्रतिभाशाली व गुणी थे। जैल सिंह को अपनी मां के प्रति बड़ी श्रद्धा और प्रेम था। ज्ञानी को उनकी मां ने उन्हें विशेष रूप से तीन बातों की शिक्षा दी थी कि परमात्मा, अपनी माता और मातृभूमि के लिए सच्चा प्रेम। इन्हीं बातों की प्रेरणा से जैल सिंह ने 1928 को पंजाब रियासत प्रजामंडल की स्थापना की और जब 23 मार्च 1931 भारत मां के तीन सपूतों-भगत सिंह राजगुरू और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी तो उनके हृदय में देशप्रेम की ज्वाला भड़क उठी और उन्हें अंग्रेजो और राजाओं से नफरत हो गई।
विपिन शर्मा जी ने कहा कि किसी भी जाति का विकास सत्ता मे भागीदारी के बिना सम्भव नही है, बढई जाति के विकास के लिये बढई विकास निगम की स्थापना करना/ विश्वकर्मा जयंती का राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय्। आलोक शर्मा ने कहा कि बढई जाति को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया जाय , विनोद शर्मा ने कहा कि इंजीनियरिंग तकनीकी संस्थानों में रिक्त कारपेन्टर के पदों पर केवल बढई जाति की नियुक्ति किया जाय।
रामराज शर्मा ने कहा कि कुटीर उद्योग हेतु सरकारी जमीनों का पट्टा व उद्योग हेतु ब्याज मुक्त ऋण दिया जाय।
गया प्रसाद शर्मा ने कहा कि इण्टरमीडिएट उतीर्ण बढई समाज के कुशल युवकों को आई०टी०आई० का प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें सरकारी नौकरियों में भर्ती किया जाय|अशोक शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बढई पुरस्कार की घोषणा किया जाय।
इस अवसर पर शयामविहारी विश्वकर्मा, राम खेलावन शर्मा, नगर अध्यक्ष पवन शर्मा ,अनरूध शर्मा नथुनी शर्मा,राधे शर्मा ,पर्शुराम शर्मा शोनु शर्मा सुर्य देव शर्मा,अवधेश शर्मा संजय शर्मा शम्भू शर्मा झोटिल शर्मा मनोरंजन कुश्वाहा समसुल हक शिवमंगल शर्मा, वकिल शर्मा संदीप शर्मा, सहित सैकडों सदस्य उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment